इल्म बग़ैर अमल के वबाल है और अमल बग़ैर इल्म के तबाही है। -हज़रत मोहम्मद
मोहब्बत की गर्मी भी, क्या चीज है। तबीयत मेरी क्या से, क्या हो गई है।
डॉक्टर: वाइफ की तबियत कैसी है, हस्बैंड : अब ठीक है सुबह तो लड़ी भी थी |
तुझसे ऐतबार करना है, दिलो जान से प्यार करना है, ख्वाहिश ज्याद नहीं बस, इतनी है मेरी, की हर लम्हे में तुझे अपना, बना के रखना है, happy propse day
ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों.
अगर तुम्हे लगता है कि तुम्हारी टीचर कठोर है, तो तब तक इंतज़ार करो जब तक तुम्हे बॉस नहीं मिल जाता।
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.